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UPSC Full Form In Hindi-यूपीएससी फुल फॉर्म हिन्दी में 2021

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  UPSC Full Form In Hindi-यूपीएससी फुल फॉर्म हिन्दी में 2021  यदि आप भी   UPSC Full Form In Hindi   के बारे में जानना चाहते है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। हम इस पोस्ट में   UPSC Full Form In Hindi  के अलावा   यूपीएससी क्या होती है   और हम  UPSC exam  Clear  कर कर सकते है इसके बारे में जानेंगे। आप IAS, IPS, IFS Ofiicer बनना चाहते है, तो आपको इस पोस्ट में पूरी जानकारी मिलेगी। हम इस पोस्ट में निमनलिखित टॉपिक के बारे में बात करेंगे-  1) यूपीएससी क्या होती है, और यह हमसे क्या चाहती है? 2) यू पी एस सी के एग्जाम को हम कैसे दे सकते हैं? 3) कौन-कौन सी Post होती हैं? 4) UPSC Exams देने के लिए योग्यता क्या होती है? 5) हम IAS कैसे बन सकते हैं? 6) IAS की तैयारी हमें कब से शुरू करनी चाहिए? 7) कौन-कौन सी बुक पढ़नी चाहिए? 8) क्या तैयारी के लिए कोचिंग जाना जरूरी है? 9) हिंदी में तैयारी करें इंग्लिश में? 10) कौन सा Newspaper पढ़ें? 11) कौन सी मैगजीन पढ़ें? 12) Current अफेयर्स की तैयारी कहां से करें? 13) Form कितने लोग Apply क...

Ved kya hai or ved kitne prakar ke hote hai ///वेद क्या है और वेद कितने प्रकार के होते है///

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वेद के प्रकार (Typs of Ved) धर्मग्रन्थ एवम् ऐतिहासिक ग्रन्थ से मिलने वाली महत्वपूर्ण जानकरी     swami vivekanand ji ki kahani                                                                                                भारत का सर्व प्राचीन धर्मग्रंथ वेद  है, जिसके संकलनकर्ता महर्षी क्रष्ण दैपयन वेदव्यास को माना जाता है । भारतीय परम्परा वेदों को नित्य और अपोरुसय मानती है । वेद चार है     1) ऋग्वेद     2) यजुर्वेद     3) सामवेद     4) अथवर्वेद इन चारो वेदो को संहिता कहा जाता है । ऋग्वेद      1.ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता है। इनमे 10 मंडल, 1028 सूक्त एवम् 10462 ऋचाए होती है। इस वेद के ऋचाओं के पढ़ने वाले ऋषी को होतृ कहते है। इस वेद...

Jankarihindimeindia.com//मौलिक अधिकार ( Fundamental Rites )

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जानिए मौलिक अधिकार क्या है jankarihindimeindia.com//मौलिक कर्तव्य (molick kartavy ) मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिये मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं और जिनमें राज्य द्वार हस्तक्षेप नही किया जा सकता हाैैं मौलिक अधिकारों का अर्थ मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिये मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं और जिनमें राज्य द्वार हस्तक्षेप नही किया जा सकता। ये ऐसे अधिकार हैं जो व्यक्ति के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिये आवश्यक हैं और जिनके बिना मनुष्य अपना पूर्ण विकास नही कर सकता। ये अधिकार कई करणों से मौलिक हैं- 1. इन अधिकारों को मौलिक इसलिये कहा जाता है क्योंकि इन्हे देश के संविधान में स्थान दिया गया है तथा संविधान में संशोधन की प्रक्रिया के अतिरिक्त उनमें किसी प्रकार का संशोधन नही किया जा सकता। 2. ये अधिकार व्यक्ति के प्रत्येक पक्ष के विकास हेतु मूल रूप में आवश्यक हैं, इनके अभाव में व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास अवरुद्ध हो जायेगा। 3. इन अधिकारों...

मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties )

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मौलिक कर्त्तव्‍य ( Fundamental Duties ) वर्ष 1976 में अपनाए गए 42वां संविधान संशोधन के द्वारा नागरिकों के मौलिक कर्तव्‍यों को सूचीबद्ध किया गया है। संविधान के भाग IV में सन्निहित अनुच्‍छेद 51 'क' मौलिक कर्तव्‍यों के बारे में है। ये अन्‍य चीजों के साथ साथ नागरिकों को, संविधान का पालन करने, आदर्श विचारों को बढ़ावा देने और अनुसरन करने का आदेश देता है, जिससे भारत के स्‍वंतत्रता संग्राम को प्रेरणा मिली थी, देश की रक्षा करने और जब बुलावा हो तो देश की सेवा करने और सौहाद्रता एवं समान बंधुत्‍व की भावना विकसित करने एवं पारा धार्मिकता का संवर्धन करने, भाषाविद् और क्षेत्रीय एवं वर्ग विविधताओं का विकास करने का आदेश देता है। भारत के नागरिकों का मौलिक कर्तव्य कुछ इस प्रकार है:  1. सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर संविधान के 42वें संशोधन (1976 ई)० के द्वारा मौलिक कर्तव्य को संविधान में जोड़ा गया. इसे रूस के संविधान से लिया गया है.  2. इसे भाग 4(क) में अनुच्छेद 51(क) के तहत रखा गया. मौलिक कर्तव्य की संख्या 11 है, जो इस प्रकार है:  1. प्रत्येक नागरिक का यह ...

सामान्य ज्ञान General Information ( महत्वपूर्ण जानकारी)

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सामान्य ज्ञान ( General Information ) - Some Important facts- //मौलिक अधिकार jankari hindi me india           दोस्तों में आज इस post में कुछ जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूँ, आप इस जानकारी को ध्यान से पढे और ज्यादा लोगो तक पहुचाये ताकि मेरा ये post बनाने का मकसद सफल हो सके । Jankari hindi me India 1)  सवप्नो के अध्ययन को 'ओरियोलॉजी ' (Oneirology ) कहते है । 2)  मनुष्य के सौंदर्य के अधययन को ' कैलोलजी '( Kalology ) कहते है । 3)  शारीर में सबसे मजबूत तत्व दातो का ' एनामेल '( केल्शियम फास्फेट )होता है । 4)  जीवन की उत्पत्ति के समय ऑक्सीजन नही था । 5)  मनुष्य में लिंग निर्धारण पुरूस के क्रोमोसोम पर निर्भर करता है , न कि स्त्रियों के क्रोमोसोम पर । 6)  सबसे तेज तांत्रिक आवेग 532 किलोमीटर/ घंटा होती है । 7)  मनुष्य के फेफड़े का आंतरिक क्षेत्रफल 93 वर्ग मीटर होता है , जो शारीर के बाहा क्षेत्रफल का 40 गुना होता है । 8)  शारीर के भीतर प्रति सेकेण्ड लगभग 150 लाख कोशिकाय नस्ट होती है । 9)  स्त्री ...

jankarihindimeindia.com//Svami vivekanand ji ki kahani..

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स्वामी विवेकानंद की प्रेरक जीवनी | Swami Vivekananda in Hindi  Ved kya hai or Ved ke Prakar एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखेरनें वाले स्वामी विवेकानंद साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विव्दान थे। स्वामी विवेकानंद – Swami Vivekananda ने ‘योग’, ‘राजयोग’ तथा ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रंथों की रचना करके युवा जगत को एक नई राह दिखाई है जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी स्वामी विवेकानंद – Swami Vivekananda महानता की कहानी कर रहा है। Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद की प्रेरक जीवनी – Swami Vivekananda biography in Hindi पूरा नाम – नरेंद्रनाथ विश्वनाथ दत्त जन्म – 12 जनवरी 1863 जन्मस्थान – कलकत्ता (पं. बंगाल) पिता – विश्वनाथ दत्त माता – भुवनेश्वरी देवी शिक्षा – 1884 मे बी. ए. परीक्षा उत्तीर्ण विवाह – विवाह नहीं किया. स्वामी विवेकानंद जन्मनाम नरेंद्र नाथ दत्त भारतीय हिंदु सन्यासी और 19 वी शताब्दी के संत रामकृष्ण के मुख्य शिष्य थे। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण द...